Sunday, July 30, 2006

इंटरनेट पर जाओ - मच्छर भगाओ

संगणक (computer) और अंतर्जाल ने दुनिया कैसी बदल दी है वह किसी से छुपा नही है। चूहे के द्वारा स्पर्श से शुरू अंतर्जाल ध्वनि और चलचित्रों के माध्यम से हमारी आँखों के साथ-साथ हमारे कानों पर भी छा रहा है। नये अनुसंधानों के अनुसार वह दिन भी दूर नही जब हम गंध भी अंतर्जाल पर बाँट सकेंगे। जालस्थल के द्वारा भेजे गये विशिष्ट संदेशों को आपके संगणक से जुड़ा यंत्र अपने अंदर स्थित दो-तीन गंधो को मिलाकर नई गंध बना देगा (जैसे कि अभी रंग बनते हैं)। अभी-अभी प्राप्त सूचना से ये ज्ञात हुआ है कि कोरिया स्थित एम्पास कंपनी ने ऐसा निःशुल्क टूलबार बनाया है जिसके इंस्टाल करने से मच्छर भाग जाते हैं। कंपनी के अनुसार ये टूलबार संगणक से ऐसी ध्वनी उत्‍पन्न करवाता है जिसे सिर्फ मच्छर ही सुन सकें और आसपास से भाग जायें। जिन वस्तुओं का संगणक/अंतर्जाल से कुछ लेना-देना नही वहाँ भी इनकी उपयोगिता आश्चर्यचकित करने वाली है। आने वाले समय में विज्ञान-कल्प की कथाऐं असंभव नही लगती!

साथ ही: चिठ्ठे दक्षता से पढ़ना
यदि आप कई चिठ्ठे पढ़ते हैं और उनमें कोई नई प्रविष्टि आई या नही की जाँच करने चिठ्ठों पर जाते हैं, तो चिठ्ठों के फ़ीड पाठकों की मदद से काम बहुत ही आसान हो जाता है। नई खबर के लिये नारद जी के दरवाजे भी जाने की जरूरत नही, और तो और, आप प्रविष्टियाँ भी बिना चिठ्ठे पर जायें पढ़ सकते हैं। ब्लॉगलाईन्स (bloglines) नामक फ़ीड पाठक सरल और उपयोगी है। यही नही समस्त समाचारों की ताजा जानकारी इससे जुटाई जा सकती है। जो लोग इसके बारें में नही जानते हों वे आज ही जानकारी प्राप्त करें और अंतर्जाल(धन्यवाद आलोक जी) जाल २.० की क्रांति मे शामिल होवें! ऐक बार फायदे जान जायेंगे तो फिर ना नही कर पायेंगे!

उपलेख (जुलाई २९): आप मच्छर का टूलबार यहाँ से डाऊनलोड कर सकरे हैं। एम्पास के जालपृष्ठ को पढ़ने के लिये गूगल अनुवादक का उपयोग करें, हांलाकि सफलता ज्यादा नही मिलेगी। टूलबार का इंस्टालेशन भी कोरियन भाषा में है!

Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)

I can say, with some modesty, that I am familiar with the subject of mathematics more than an average person is. Despite that I hadn’t ever ...