Wednesday, August 9, 2006

धागों का त्योहार

रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाऐं। व्यस्तता और पाश्चात्यीकरण की और अग्रसर हमारे इस समाज में जहाँ दीवाली के पटाखों की गूँज हल्की होती जा रही है, होली के रंग फ़ीके पड़ते जा रहें, एवं वैलेंटाईन डे करवाचौथ को पीछे धकेल रहा है, मेरी ये मनोकामना है कि राखी का सरल किंतु अपने रूप मे दुनिया में शायद अनोठा यह पवित्र त्योहार हमारे हृदय से ना रूठे।

इसी के साथ सुनिये रागा पर ये गीत और अपने भाई/बहन को याद कर लीजीये...

चित्र साभार: सर्च डॉट कॉम

Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)

I can say, with some modesty, that I am familiar with the subject of mathematics more than an average person is. Despite that I hadn’t ever ...