Monday, June 26, 2006

फायर-फॉक्स - पुरानी खबर?

जानता हूँ कि ये अब पुरानी खबर है फिर भी सच्‍चाई तो सच्‍चाई ही है, और सच यह है कि आज के समय में मॉज़िला फायर-फॉक्स से बेहतर वेब-ब्राऊज़र नही। और बात सिर्फ टैब्ड ब्राऊज़िंग की ही नही - वो तो ऑपेरा, नेटस्केप, और नये आने वाले ईन्टर्नेट एक्सप्रलोरर में भी है। बात तो बहुत सी बातों के खूबसूरत जोड़ की है। टैब्स के साथ कई अन्य अतिरिक्त फीचर्स हैं, वास्तव की हर ज़रूरत के लिये, जो कि आपके अंतर्जाल भ्रमण के अनुभव में चार नहीं चालीस चाँद लगा देते है। बिना जगह घेरने वाले टूल-बारों के कई सर्च-ईजिंन की सुविधा, मनमोहक रंग-रूप की थीम, और अगणित एड-ऑन। एड-ऑन ये फीचर होता है फयर-फॉक्स में जिससे आप अपनी सुविधा अनुसार अपने ब्राऊज़र की खूबियाँ और फंक्शनालिटीज़ घटा-बढ़ा सकतें हैं।

अगर आपने चूहे-के-ईशारों (माऊस-गेस्चर्स) के बारे में नही सुना तो आप वेब-ब्राऊज़िंग की दुनियाँ के पाषांण युग में जी रहें हैं - ऐसी लत लगी है इसकी तो कि क्लिक करनें में भी आलस आने लगा है अब। माऊस-गेस्चर्स वो होता है जिसमे कई सामान्य प्रक्रियायें, जैसे कि वापस जाना (बैक), पन्ना पुनः लॉड करना, खोलना-बंद करना, और जाने क्या-क्या के लिये क्लिक करनें की जरूरत नही, सिर्फ माऊस को घुमा देना ही काफी है।

हाँलाकि अतिरिक्त एड-ऑन तो अपनी जरूरत के हिसाब से आप इंस्टाल कर ही सकतें है, मैनें जो उपयोगीं पायें उनकी सूची प्रस्तुत है:


  1. टॉकबैक (Talkback) - ये किसी कारण से यदि फायर-फॉक्स क्रेश कर जाये तो उसकी सूचना बनाने वाली टीम को देने के लिये है, जिससे कि वो खामियों का विश्लेषण कर उसको सुधारने की कोशिष करें। ये उपयोगकर्ता के सीधे काम का नही और इसकों इंस्टाल करनें की भी ज़रूरत नही क्योंकि ये खुद-बखुद ही इंस्टाल हो जाता है।

  2. पी डी एफ डाऊनलॉड (PDF Download) - अगर आप अंतर्जाल से किसी पी डी एफ फाईल को डाऊनलॉड करतें हैं, अथवा बिना कंप्यूटर पे उतारे ही ब्राऊज़र में ही देखना चाहतें हैं तो यह उप्योगी है।

  3. आई ई व्यू (IE View) - जैसा कि आप अब तक समझ ही गये होंगे कि हिन्दी ईन्टर्नेंट एक्सप्लोरर के ब्राऊज़रों मे ही शुद्ध दिखती है, और कई जालपृष्ठ आप आई ई मे खोलना चाहें तो फयर-फ़ॉक्स से सीधा कड़ी को आई ई मे खोल सकतें हैं बिना यू आर एल कॉपी करे। पर ध्यान दें, इसका ज्यादा उपयोग ना करें वरना फयर-फॉक्स को इस्तेमाल का फायदा ही क्या?

  4. वन क्लिक वेदर (1-ClickWeather) - अपने ब्रऊज़र पे ही मौसम की ताज़ा जानकारी पाईये।

  5. याहू फ़ोटो अपलोड टूल (Yahoo! Photos Easy Upload Tool) - अगर आप याहू! पे तस्वीरें अपलॉड करतें है तो ये लाभकर हो सकता है।

  6. कस्टमाईज़ गूगल (Customize Google) - अगर चाहें तो गूगल में विज्ञापन इत्यादि को प्रतिबंधित कर सकते हैं।

  7. ग्रीज़ मंकी (Greasemonkey) - ये सुविधा कई अन्य सुविधाओं का द्वार है। ग्रीज़ मंकी कई स्क्रिप्ट चलाने में मदद करता है जो कि कई वेबसाईटों मे सुविधा के फीचर और प्रारूप आपकी पसंद के अनुसार ढाल सकतीं हैं।

  8. गूगल सेफ़ ब्राऊज़िंग (Google Safe Browsing) - फिशिंग के हमले से बचनें का शौक हो तो इसका उपयोग करें।

  9. टैब मिक्स प्लस (Tab Mix Plus) - यह बहुत ही महत्वपूर्ण सुविधा है जिससे आप टैब्स के कई सैटिंग्स बदल सकते हैं और अपने अनुभव को और भी आसान बना सकतें हैं। उदाहरणतः टैब बदलनें के लिये टैब पे माऊस रख देना भर, और पेज़ के लोड होने की प्रोग्रेस दिखना।

  10. ऑल-इन-वन गेस्चर्स (All-in-One Gestures) - और यह है ताज मे सितारा, शहंशाहों का शहंशाह, माऊस गेस्चर्स। अब ब्राऊज़ करने के कामों, जैसे टैब खोलना-बंद करना, कड़ी को नई खिड़की या नई टैब पे खोलना, पीछे और आगे जाना, री-लोड या खिड़की छोटा (मिनिमाईज़) करना, कोड, कूकीज़ देखना, और भी जाने क्या-क्या सब कलई की एक लचक से संभव।

  11. डॉऊन देम ऑल (DownThemAll!) - अगर किसी पन्ने से कई कड़ीयाँ एक साथ डाऊनलॉड करनी तो अब हर किसी पे एक-एक कर क्लिक करनें की ज़रूरत नही। ये खुद-बखुद ही कड़ियाँ चुन लेगा आपके लिये।

  12. आई ई टैब (IE Tab) - आई ई व्यू की तरह ही आई ई टैब भी किसी भी पन्ने को हिन्दी में दर्शाता है पर इसमे आप फयर-फॉक्स के टैब में ही ईन्टर्नेट एक्सप्लोरर खोल सकते हैं और अतिरिक्त खिड़की खोलने की आवश्यक्ता नही।

  13. गूगल नोटबुक (Google Notebook) - यदि गूगल नोटबुक के उपयोग्कर्ता हैं तो किसी भी पन्ने से सीधे सेलेक्ट कर नोटबुक में लिख सकतें हैं।

  14. पर्फोर्मेंसिंग (Performancing) - ये सुविधा ब्लॉगिंग के शौकीनों के लिये काफी उपयोगी है, किसी भी पन्ने से सीधे अपनें किसी भी ब्लॉग पे लेख लिख सकतें हैं।


आप इन एड-ऑन को इंस्टाल करने के लिये यहाँ जाकर दिये गये नाम से खोजें। यहाँ भी जाईये, बहुत से अतिउपयोगी एड-ऑन की सूची बना रखी है।

Sunday, June 25, 2006

दसों दिशाओं मे जायें

ये बहुत ही सुंदर गीत मिला कूलगूज़ पे (जहाँ से आप कई हिन्दीं फिल्मीं गीत डॉऊनलोड कर सकतें हैं) - देशभक्ति का गीत है, हांलाकि मुझे पता नही किस चलचित्र का है या फिर किसी का है भी कि नही। जो भी हो, इसकी पंक्तियाँ बहुत ही लयबद्ध और जोशवाली है। उन्हीं को यहाँ लिख रहाँ हूँ:
दसों दिशाओं में जायें, दल-बादल से छा जायें - ३
उमड़-घुमड़ के इस धरती को - २
नंदन वन सा लहरायें - २
दसों दिशाओं में जायें, दल-बादल से छा जायें - २
उमड़-घुमड़ के इस धरती को - २
नंदन वन सा लहरायें - २

यह मत समझो, किसी क्षेत्र को, खाली रह जानें देगें - २
दानवता की बेल विषय में, कहीं नहीं छाने देगें - २
जहाँ कहीं लू झुलसाती - ४
अमृत रिमझिम बरसायें - २
दसों दिशाओं में जायें...

फूल सी कोमल खेती पर हम, बिज़ली नही गिरातें हैं - २
किंतु अड़ेले बालू टीले, वर्षा में ढह जाते हैं - २
ध्वंस हमारा काम नहीं - ४
अविरल जीवन सरसायें - २
दसों दिशाओं में जायें...

मानव जीवन, की स्वतंत्रता, नष्ट नही होने पाये - २
यंत्र व्यवस्था, रजयहीन मे, स्वत्व नही खोने पाये - २
जीवन स्तर का, अर्थ ना हम -४
भोग डगर में भरमायें - २
दसों दिशाओं में जायें...

दसों दिशाओं में जायें, दल-बादल से छा जायें - २


Daso Dishaon Mein ...


गाना यहाँ से डॉऊनलॉड कर सकतें हैं।

प्याज़ खाया?

अगर नही तो आप बहुत कुछ खो रहें हैं। इस पागल ज़माने में, हमेशा दुःख भरी खबरों को छापने वाले समाचार जगत में, और दिन-प्रतिदिन मानव के मूल्यों के और भी नीचें गिरने के समाचारों के बीच अगर दिल खोल के हंसना हो तो प्याज़...मेरा मतलब ऑनियन पर जरूर जाईये। ठहाके के साथ आप लिखने वाले के हास्यभाव पर भी लाज़वाब हो जायेगें।

शुभारंभ



आज से मैनें भी अपना हिन्दी का चिठ्ठा शुरू कर लिया है। सब कुछ अच्छा रहा तो कुछ लिखूंगा भी सही। यहाँ पर मैं अपने लेखों के माध्य्मों से आपको अपनी जिन्दगी की कतरनें प्रस्तुत करूंगा। मेरा पहले एक अंग्रेजी का चिठ्ठा भी है जिस पर अब लिखना बहुत ही कम सा हो गया है इसलिये आशा करता हूँ कि इस चिठ्ठे के वो हाल ना हो तो ही भला।

हालांकि आपने नही पूछा पर मैं बता ही देता हूँ कि जब मैं आपके साथ अपनी जिन्दगी की किताब की कतरनें बांटता हूँ तो इसका मतलब ये नही कि मैने अपनी जिन्दगी की किताब के चिन्दे-चिन्दे कर दिये। बिना किताब के जिन्दगी कैसे रहेगी आखिर? ये तो कुछ अंश हैं जिनको बांटने से, ये आशा है, हमारी और आपकी जिन्दगी दोनो मनोरंजक हो जायेगी। मुझे कतरनें शब्द अच्छा लगा तो बस वही चिठ्ठे का शीर्षक बना लिया। तो इसी के साथ मैं अपने ब्लॉग का दायरा घोषित करनें की कोशिश करता हूँ। जैसे कि हर चिठ्ठे पे होता है, उसी तरह ये चिठ्ठा मेरे विचारों का प्रतिबिंब बनकर मेरे भावों को शब्दारूप देगा। लेखों का संदर्भ मुख्यतः मेरी निजी जिन्दगी, राजनीती, हिन्दी और अंग्रेजी फिल्में, नई पुरानी खबरें, तथा अन्य ब्लॉग पर चल रही चर्चा के मामले रहेंगे। अपने काम या व्यक्तिगत जीवन की ज्यादा बातें सरे-आम डालना मुनासिब नही समझता, क्योंकि सुना है कि आजकल कंपनियाँ नये लोगो को नौकरी देने से पहले उनके नाम की गूगल पे जाँच-पड़ताल करती है और मैं नही चाहूँगा कि मेरी किसी क्षण के विचार मेरे भविष्य में बाधा पहुँचाने वालों के हाथ हथियार बनें।

Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)

I can say, with some modesty, that I am familiar with the subject of mathematics more than an average person is. Despite that I hadn’t ever ...