Saturday, March 31, 2012

Day 15


आज नवरात्रा की अष्टमी थी और ऐसा रिवाज है कि आज के दिन नवजात का पहला भोज होता है। विधी तो मात्र 15 दिन की है आज इसलिये वह ज्यादा खाने की स्थिती में नही थी पर फिर भी उसे खीर के दूध की आधी चम्मच चखाई गई। पूजा के बीच में तो छोटी सो ही गई इसलिये बिचारी को उठाकर खिलाना पढ़ा।

Saturday, March 24, 2012

Day 8

आज विधी और उसकी मम्मी के लिये मालिश करने वाली बुलाई है। आज उसकी पहली मालिश हुई उनके हाथों।

उसकी बची खुची नाल की नली (Umbilical Cord) भी आज सूख कर गिर गई।

Friday, March 23, 2012

Day 7

आज विधी का पहला दिन था अपने नाना-नानी के घर। उसकी दादी ने उसकी जमकर मालिश की और पहली बार उसका पानी से नहाना हुआ। गुड़िया काफी बहादुर लगती और ज्यादा नही रोई। आज उसके पहली बार सूर्य देव के दर्शन भी हुऐ।

Thursday, March 22, 2012

Day 6

विधी के शरीर की शक्ति बढ़ती जा रही है। शुरू से ही वर रोते समय अपने पैर पटक सकती थी पर आज तो अपने हाथ भी चलाऐ! अब रोते समय वो हाथ और पैर दोनो फैंकती है। कपड़े पहनाना अब ज्यादा मुश्किल होने वाला है!

आज उसे पहली बार होस्पीटल से घर भी लाऐ।

Wednesday, March 21, 2012

Day 5


आज गुड़िया के नाम के बारे में बहुत बहस हुई। जन्मनाम तो पंडितजी ने ’फ’ अक्षर पर निकाला और उस पर तो ढंग का कोई भारतीय नाम नही है, इसलिये हमने बिना अक्षर प्रतिबंध के नाम पर चर्चा की। लगभघ सभी को “वेदिका” अच्छा लग रहा है हांलाकि लोगो का कहना कि ’व’ बहुत ही अंत का वर्ण है। हमे ’विधी’ नाम भी पसंद आया इसलिये हमने उसका घर का नाम ’विधी’ रखने का सोचा है। वैसे जबतक नाम पंजीकरण नही होता तब तक तो विकल्प उपलब्ध है पर अभी के लिये उसका नाम वेदिका उर्फ़ विधी ही रहेगा।

आज विधी को बी.सी.जी. का टीका और हैपाटाईटिस बी. और पोलियो की प्रथम खुराक दी गई। बेटी बहुत ही बहादुर निकली! सुई चुभने की देरी भर रोई और एक मिनिट में फिर से नींद में। रात भी बिना किसी बुखार के बीती।

Tuesday, March 20, 2012

Day 4

आज तो गुड़िया ने पहली बार करवट ली! अभी तक तो उसे जैसे लेटा दिया जाता था वह वैसे ही रहती और ज्याद हिल-डुल नही पाती थी। पर आज उसे हमेशा की तरह पीठ के बल लैटाया गया पर थोड़ी देर बाद उसे एक तरफा मुँह करके सोता हुआ देखा!

Saturday, March 17, 2012

Day 1


अभी एक-दो दिन तो वो ऊपर का ही दूध पियेगी। उसकी दादी की रेसिपी के अनुसार
कुनकुने दूध को आधे से ज्यादा ऊबले पानी के साथ पतला कर एक बूंद शहद मिला
कर चम्मच से पिलाना उचित है।

Friday, March 16, 2012

Day 0






Day 0


आज रात 9:54PM हमारे घर बिटिया हुई। जन्म के समय का वजन 3.00 कि.ग्रा.। नर्सों के अलावा पहला स्पर्श उसके दादाजी का रहा। उसके बाद क्रमशः उसके नानाजी, नानीजी और उसकी दादीजी का। ’ऊँ’ का उच्चारण और शहद का प्रथम भोग उसकी दादी ने कराया। प्रथम दृष्टया वह अपनी मम्मी पर गई है।



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हर्षित  दर  दुनिया चौबारा

घर में चमका एक सितारा



कोमल  सुंदर नर्म दुलारा

अरमानों का नया  पिटारा

खुशियों से झूमे जग सारा

घर में चमका एक सितारा



जो दुआओं में बार बार था

आँखों में बन के दुलार था

जिसका सबको इंतजार था

वह नन्हा मेहमान पधारा

घर में चमका एक सितारा



अनुभव के नूतन पग धरता

जीवन में कोमलता भरता

हर सपने को पूरा करता

मन के मौसम का इकतारा



सदा सफलता जग में पाए

अपनों का सम्मान बढ़ाए

मुस्कानों के कमल खिलाए

यही आज आशीष हमारा



(कविता साभार)

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