Friday, March 16, 2012

Day 0


आज रात 9:54PM हमारे घर बिटिया हुई। जन्म के समय का वजन 3.00 कि.ग्रा.। नर्सों के अलावा पहला स्पर्श उसके दादाजी का रहा। उसके बाद क्रमशः उसके नानाजी, नानीजी और उसकी दादीजी का। ’ऊँ’ का उच्चारण और शहद का प्रथम भोग उसकी दादी ने कराया। प्रथम दृष्टया वह अपनी मम्मी पर गई है।



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हर्षित  दर  दुनिया चौबारा

घर में चमका एक सितारा



कोमल  सुंदर नर्म दुलारा

अरमानों का नया  पिटारा

खुशियों से झूमे जग सारा

घर में चमका एक सितारा



जो दुआओं में बार बार था

आँखों में बन के दुलार था

जिसका सबको इंतजार था

वह नन्हा मेहमान पधारा

घर में चमका एक सितारा



अनुभव के नूतन पग धरता

जीवन में कोमलता भरता

हर सपने को पूरा करता

मन के मौसम का इकतारा



सदा सफलता जग में पाए

अपनों का सम्मान बढ़ाए

मुस्कानों के कमल खिलाए

यही आज आशीष हमारा



(कविता साभार)

Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)

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