उसको नहीं देखा हमने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नहीं देखा हमने कभी
इंसान तो क्या देवता भी
आँचल में पले तेरे
है स्वर्ग इसी दुनिया में
कदमों के तले तेरे
ममता ही लुटाऐ जिसके नयन ।२।
ऐसी कोई मूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नहीं देखा हमने कभी
क्यों धूप जलाऐ दुःखों की
क्यों ग़म की घटा बरसे
ये हाथ दुआओं वाले
रहते हैं सदा सर पे
तू है तो अंधेरे पथ में हमें ।२।
सूरज की ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
कहते हैं तेरी शान में जो
कोई ऊँचे बोल नहीं
भगवान के पास भी माता
तेरे प्यार का मोल नहीं
हम तो यही जानें तुझ से बड़ी ।२।
संसार की दौलत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
Saturday, February 14, 2009
ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)
I can say, with some modesty, that I am familiar with the subject of mathematics more than an average person is. Despite that I hadn’t ever ...
-
“Practice makes a man perfect”, so goes the saying. So what makes a woman perfect? Perhaps she already is. Alright, that was lame. But that’...
-
When I tinker with my eyes, as in when I am trying to put on contact lenses, specially when it takes longer than usual and my eyes become wa...
-
Bathroom singing refers to amateur singing and in that way almost everybody has sung or sings in bathroom. What is so special in bathrooms t...