उसको नहीं देखा हमने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नहीं देखा हमने कभी
इंसान तो क्या देवता भी
आँचल में पले तेरे
है स्वर्ग इसी दुनिया में
कदमों के तले तेरे
ममता ही लुटाऐ जिसके नयन ।२।
ऐसी कोई मूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नहीं देखा हमने कभी
क्यों धूप जलाऐ दुःखों की
क्यों ग़म की घटा बरसे
ये हाथ दुआओं वाले
रहते हैं सदा सर पे
तू है तो अंधेरे पथ में हमें ।२।
सूरज की ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
कहते हैं तेरी शान में जो
कोई ऊँचे बोल नहीं
भगवान के पास भी माता
तेरे प्यार का मोल नहीं
हम तो यही जानें तुझ से बड़ी ।२।
संसार की दौलत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी?
ऐ माँ! ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी? क्या होगी?
उसको नही देखा हमने कभी
Saturday, February 14, 2009
ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
Breaking the Bias – Lessons from Bayesian Statistical Perspective
Equitable and fair institutions are the foundation of modern democracies. Bias, as referring to “inclination or prejudice against one perso...
-
One of the option on Orkut for describing your looks is "mirror cracking material". I always wondered if it's extreme on posi...
-
There is an old saying which goes something like this: great people discuss ideas, good people discuss incidents, ordinary people discuss pe...
-
How do you fight an enemy who is not afraid of dying and instead covets death? How do you yield or reason with with enemy whose only deman...