Tuesday, July 18, 2006

शादी का सवाल

शायद मेरी शादी का खयाल दिल मे...नही-नही अभी एसी कोई बात नही है पर मान लीजिये कि हो तो? मान लीजीये कि अप्रवासी भारतीयों की चट-मंगनी-पट-ब्याह की परंपरा का पालन करते हुये मुझे आदेश आ जाये कि इन बीस लड़कियों मे से एक चुन के फंदा बाँध लू तो? शर्त ये है कि हर लड़की को एक बार देखना है और निर्णय लेना है कि बात बनेगी कि नही। अगर बनेगी तो वहीं मूर्हत निकाल के सगाई-शादी तय कर दी जायेगी, और बात नही बनी तो लाईन मे अगली कन्या के घर चाय-पानी पीने चलेंगे। एक बार ना कहने के बाद निर्णय बदलना तो नाक-कटाने के बराबर है सो वो तो विकल्प ही नही। और मैं भी सीधे-साधे इंसान की तरह सबसे बढिया बीवी चाहूँ तो? भई, ये तो समस्या हो गई ना। किस को हाँ करूँ और किस को ना? जल्दी हाँ कर दी तो आने वाले बढ़िया अवसर हाथ से निकल जायेंगे, और देर लगाई तो ना जाने मौका हाथ आते हुये भी ठुकरा दिया हो तो?

कुछ ऐसी ही समस्या सोची होगी ऑपरेशन्स रीसर्च (operations research) वालों ने तभी तो उन्‍होने 'सुल्तान की दहेज की समस्या' बना डाली। और ये समस्या मियाँ-बीवी ढूढनें के अलावा नौकरी के साक्षात्कार में दस पदाभिलाषियों को चुनने जैसे कामों में भी आती है। आप चाहें तो इसे एक मजेदार खेल भी बना सकते है और अपने मित्रगणों को दिमाग लगाने को मजबूर कर सकते हैं। इस रोचक समस्या का हल भी ज्यादा कठिन नही और जो गणित की और रूझान रकते हो वे व्युत्‍पत्ति (derivation) के लिये इस लेख (PDF) को पढ़ सकते हैं। विकीपीडिया और ये पन्ना भी देखें। संक्षेप में हल यहाँ प्रस्तुत है:

आप पहले एक-तिहाई पदों में से किसी को ना चुने और इस अवधि में आगे मिलने वाली योग्यता का अनुमान लगायें। एक-तिहाई पदों के बाद उस पहले प्रार्थी को चुने जो कि प्रथम एक-तिहाई के सर्वश्रेष्ठ से भी अधिक पसंदीदा हो। ये मानके चला जा रहा है कि आप हर प्रार्थी को आंक सकते है और किसी मानक के रूप में एक-दूसरे से तुलना कर सकते हैं। इसे तकनीकी भाषा में उपयोगिता फलन (utility function) कहते हैं। तो n लोगो या वस्तुओं मे से सर्वश्रेष्ठ के चुनाव की संभावना तब अधिकतम होगी जब आप n/3 तक किसी को ना चुने और फिर अगला जो भी इनमें से सर्वश्रेष्ठ से बेहतर हो, या फिर अंतिम विकल्प हो, उसे चुने। अब प्रश्न ये है कि भैया जब हमारी होने वाली दुलहनों को ये फ़ॉर्मुला पता लगेगा तो फिर लाईन शुरू करनें के लिये तैयार कौन होगी?

अगर आपको इस तरह की व्यवाहारिक गणित और तर्क (logic) की पहेलियाँ पसंद हो तो इस चिठ्‍ठे को देखते रहीयेगा।

Breaking the Bias – Lessons from Bayesian Statistical Perspective

Equitable and fair institutions are the foundation of modern democracies. Bias, as referring to “inclination or prejudice against one perso...