Thursday, February 15, 2007

सैंतीस रूपये का चूना

किसी से खबर मिली थी कि भारत सरकार का संगणक विभाग भारतीय भाषाओं के विस्तार के लिये हिन्दी (व अन्य भाषाओं) में सोफ्टवेयर की सी.डी. भेज रहा है। शौक मैं भी उनके जालस्थल पर पहुँच गया और जबकि मैं उन सोफ्टवेयरों को डाऊनलोड भी कर सकता था फिर भी एक सी.डी. का अनुरोध कर दिया। पता अमरीका वाला डाला और...फिर बात भूल गया। किसने सोचा था कि सरकारी दफ्तर से कुछ मँगाओ तो मिल भी जायेगा वो भी सात समुंदर पार। महीनों के बाद एक दिन सी.डी. यहाँ पहुँच ही गई। वाह जी, बड़ा आश्‍चर्य हुआ। फिर जब डाक टिकट की कीमत देखी तो पहला विचार यही आया कि सरकारी सैंतीस रूपये बिगड़वा दिये मैने!

किसने सोचा था कि सरकारी दफ्तर से कुछ मँगाओ तो मिल भी जायेगा वो भी सात समुंदर पार।

खैर कभी उस सी.डी. के सोफ्टवेयरों का ऊपयोग करूँगा तो, शायद जब अपने घर पर कंप्यूटर लाऊँ माता-पिता के लिये। मेरे लिये तो बरहा ही पर्याप्त है अभी। फिर भी जिन लोगों को मँगाना हो वो कोशिश कर सकते हैं - अगर यहाँ भेज सकते हैं तो निश्चित ही कहीं भी भेज सकते होगें। सी.डी. में हिन्दीभाषी फॉन्ट और कुंजीपटल ड्राईवर्स, ऑफिस (भारतीय), ब्राऊज़र (फायरफॉक्स), आई. एम. (गेम) व ई-मेल सोफ्टवेयर (कोलंबा), शब्दकोष, स्पैल-चैकर, टाईपिंग सिखाने का व लेख से आवाज़ बदलने वाला सोफ्टवेयर इत्यादि हैं।

Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)

I can say, with some modesty, that I am familiar with the subject of mathematics more than an average person is. Despite that I hadn’t ever ...