वैसे तो ये चिठ्ठा-दिवस (३१ अगस्त) की परंपरा है पर हमें इतना सब्र कहाँ अब? इसी लिये मेरे पसंद के अतिप्रिय चिठ्ठों से आप पाठकजनों का परिचय कराना चाहता हूँ। पहले ही बता दूँ कि वे सारे अंग्रेजी में हैं। वैसे जब भी एक मनोरंज़क चिठ्ठा मिलता दिल बार-बार अंतर्जाल और चिठ्ठों के अविष्कारकों को दुआ देने लगता है!
किसी की बात को छुप के सुने तो कई पुख़राज़ मिल जाते है। रोज़ाना आपके लिये दुनिया भर से कही-सुनी बातों को प्रस्तुत करते हैं ये चिठ्ठे: Overheard in New York, Overheard in the Office, Overheard at the Beach| वैसे तो चुटकुलों के अनगिनत पन्ने हैं जाल पर पर सामान्य इंसानों की सामान्य बातें इन चुटकुलों की मौलिकता और हास्य को अद्वितियता प्रदान करती है।
और अगर आप को अपनी दुनिया के बारे में थोड़ा भी रोचकता और जिज्ञासा तो आप इस पन्ने को छोड़ ही नही सकते: Damn Interesting। और मेरी बात मानिये ये पृष्ठ अपने शीर्षक पर शत्-प्रतिशत खरा है।
और अंत में, हालाँकि ये चिठ्ठा तो नही पर बड़े काम का जालपृष्ठ है जहाँ आप ऑनलाईन ही अपनी किताब की अलमारी सजा सकते है। मेरे द्वारा पठित पुस्तके यहाँ देखे और अपना पुस्तकालय भी बाँटे।
Book Review - Music of the Primes by Marcus du Sautoy (2003)
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