सभी लेखों को पढ़कार व खुद प्रयोग कर मुझे लाईब्रेरीथिंग ही बेहतर विकल्प लगा क्योंकि:
- इसका समुदाय बहुत बढ़ा है जिससे पुस्तक पर प्रतिक्रिया व पसंद की पुस्तकों के मिलाप की संभावना व शुद्धता ज्यादा होती है।
- इसमें हर पुस्तक का अलग पन्ना है, साथ ही हर लेखक व हर टैग (tag) का अलग पन्ना है।
- इसका इंटरफेस सरल है और एक ही पन्ने पर अपने पुस्तकालय को देखने, आंकलन करने, समीक्षा लिखने, पुस्तक की जानकारी बदलनें, इत्यादि की आसानी रहती है। देखने के लिये पाँच अलग-अलग क्रम में कॉलम जमा सकते हैं। शेलफारी पर यही बड़ी कमी थी, समीक्षा व आंकलन के लिये हर किताब पर अलग से जाना पड़ता है।
- यह विश्व की कई पुस्तकालयों से जुड़ी है जिससे किताब का मिलना आसान है।
- अपने पुस्तकालय को अपने कंप्यूटर पर डाऊनलोड व अपलोड आसान है।
- इसके साथ की कई मजेदार टूल हैं जैसे अपने सारे कवर पन्ने एक साथ देखना, लेखकों की तस्वीरों, संपूर्ण उपयोगकर्ताओं का लेखक व टैग क्लाऊड (tag cloud), सभी की रैटिंग का चित्रातमक प्रस्तुति, कई मैंलिंग लिस्ट, समुदाय, सांख्याकि पन्ना
लाईब्रेरीथिंग की सबसे बड़ी कमी है कि इसमें सिर्फ २०० किताबों की सूची बना सकते हैं और अतिरिक्त के लिये $२५ की प्रीमियम सदस्यता लेनी पड़ती है। मैने शेलफारी और लिस्टाल दोनों पर खाता खोला पर मुझे यही सबसे बेहतर लगी और कई रोचक पुस्तकों की सिफारिशें भी प्राप्त हुई। वैसे भी अभी तो ८८ किताबें हीं है तो काफी समय है अलमारी भरने में। जब भरेगी तब सोचेगें, अन्यथा दूसरा निःशुल्क खाता तो खोल ही सकते हैं। इस चिठ्ठे पर दाई और जो पुस्तकों की सूची (पुरालेख के नीचे) देख रहें हैं वो भी वहां के विजेट्स से बनाई है। वैसे इन सेवाओं पर हिन्दी की किताबें रखने की सुविधा उपलब्ध नहीं है क्योंकि हिन्दी की किताबों का जाल पर कोई डाटाबेस नही है। अभी लगता भी नही कि किसी समय शीघ्र ही यह सुविधा मिलेगी।
अधिक जानकारी के लिये (टिप्पणियाँ भी देखें):
techcrunch, librarytwopointzero, fadetheory
मेरी लाईब्रेरी
(यह पहला तकनीकी लेख है इस पन्ने पर अतः आधा अंग्रेजी में होने के लिये मुआफ़ करना :)