
सर्वसाधारण को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाईयाँ।
हिन्दी चिठ्ठा जगत में कई लोगो ने अपनी बधाई और राष्ट्र के नाम संदेश दिया, और मैं यही सोचता रहा कि ऐसा क्या लिखूँ अपने चिठ्ठे पे जो कि पहले नही लिखा गया और मेरी बधाई भी ताजी रहे। इसीलिये प्रस्तुत है ये तस्वीर जो मैने अपने महाविद्यालय में (अमेरिका में) अंतर्राष्ट्रीय मेले में भारतीय बूथ के सामने लगाई थी और भारत को चंद तस्वीरों में समेटने की कशिश की थी।
चलते चलते, आज के दिन इन उज्वल शब्दों को याद कर लेना उचित होगा -
हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रबुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये, तथा उसके समस्त नागरिको को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिन न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये,
तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख २६ नवंबर, १९४९ ई० (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। [सूत्र]